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ले लो मैया, ले लो भैया

Wednesday, April 24, 2013

सभी के लिये खतरनाक ''मल्टीटास्किंग'' आखिर हे क्या

'मल्टीटास्किंग' एक आधुनिक बीमारी ही हे जो की बाकि जानलेवा बिमारियों से अधिक खतरनाक हे 'मल्टीटास्किंग' का अर्थ होता हे ''एक साथ कईं कामो का करना' और वर्तमान में  'मल्टीटास्किंग' के लिये सबसे ज्यादा जिम्मेदार कोई हे तो वह हे 'फोन और इंटरनेट' ।पुराने ज़माने के लोगों के पास सिमित कामधंधे थे इसलिए वो इस खतरे से बचे रहते थे परन्तु इस समय में हर व्यक्ति 'मल्टीटास्किंग' की समस्या से झुझ रहा हे , कईं बार तो वो चाहते हुवे भी 'मल्टीटास्किंग' का शिकार हो जाता हे
                       
'मल्टीटास्किंग' के उदाहरण :-
  • बच्चा 'स्कुल में हो या घर पे हो जब पढ़ रहा होता हे की अचानक उसका मोबाईल call  या sms  मिलने की सुचना देता हे और बच्चे का ध्यान उस फोन में चला जाता हे
  • कोई युवा अपने कार्यालय में काम कर रहा हे की अचानक उसे अपने '-मेल' की याद जाती हे और वो एक ब्राउज़र बंद कर नया ब्राउज़र चालू कर देता हे
  • लोग जाते तो हे ''फिल्म हॉल'' में फिल्म देखने पर देखने लग जाते हे अपना 'फेसबुक अकाउंट' और whats app
  • कुछ लोग तो धार्मिक स्थलों पर जाते हे पूजा करने अचानक दिमाग भगवान से हटकर सोचने लगता हे की यह फोटो तो फेसबुक अपलोड की जा सकती हे

'मल्टीटास्किंग' की हानियाँ :-)
  • विद्ध्यार्थी अपनी पढाई के दोरान sms  पढ़ेगा तो कमजोर ही होगा, साथ ही उसके IQ में भी कमी आती हे
  • 'कार' चलाते समय 'मल्टीटास्किंग' की समस्या आपको 'पार' पहुंचा सकती हे
  • हमारा रिश्तेदार या सगा हमसे बात कर रहा होता हे और हम हे की अपने फोन में उलझे रहते हे, यह बात रिश्तों को कमजोर बनती हे , कहे तो लोग 'वर्चुअल' होते जा  रहे हे
  • हम थकान मिटाने के लिये ''पावर नेपिंग'' का सहारा लेते हे पर पवार नेपिंग में भी अपना नेट मेपिंग(सर्फिंग) जारी रहता हे

'मल्टीटास्किंग' से बचने के लिये यह जरुरी नहीं की हमें ''फोन फेकना हे'' या ''fb अकाउंट को delete  करना हे'' नहीं हमें तो बस थोडा सा सोच समजकर मन से इस पे नियन्त्रण करना हे !!!!
ले लो मैया, ले लो भैया